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Prime Minister Kisan Samman Nidhi Scheme

यूपी के जिलों को मशीनरी बैंक की सौगात, सीएम योगी ने 77 ट्रैक्टरों को दिखाई हरी झंडी

यूपी के जिलों को मशीनरी बैंक की सौगात, सीएम योगी ने 77 ट्रैक्टरों को दिखाई हरी झंडी

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक किसानों के लिए एक अनोखी पहल की है. जिसके तहत उन्होंने राज्य के जिलों को फार्म मशीनरी बैंकों की सौगात दी है. जिसके लिए सीरम योगी आदित्यनाथ ने 77 ट्रैक्टरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया. आपको बता दें इसके जरिये किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. क्योंकि उन्हें खेती के लिए लगने वाले कृषि किराय पर मिल जाएंगे.

कार्यक्रम में क्या बोले सीएम योगी आदित्यनाथ

सीएम ने फार्म मशीनरी बैंकों के लिए अपने आवास से ही 77 ट्रैक्टरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस पूरे कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि,
गन्ना और चीनी का अद्योग लगातार ऊंचाइयों को छू रहा है. इसी का परिणाम है कि, सबसे ज्यादा ईंधन एथेनाल के जरिये काम देना काम शुगर इंडस्ट्री और किसानों द्वारा किया जा रहा है. अब हमारा पैसा ना तो पेट्रोडॉलर के नाम पर बाहर जाएगा और ना ही आतंकवाद के नाम पर खर्चा किया जाएगा. इसे मिलने वाले पैसे को डीजल और पेट्रोल पर खर्च किया जाएगा.

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की जमकर की तारीफ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की जमकर तारीफ भी की. उन्होंने कहा की इस योजना से ही किसान लगभग 10 टन अतिरिक्त प्रति हेक्टेयर के हिसाब से गन्ना ले रहे हैं. वहीं 8 लाख से ज्यादा अतिरिक्त गन्ने का रकबा बढ़ा है. कोरोना काल में भी सरकार की तरफ से मिलें चलवाई गयी हैं. जिसे किसानों को लगातार पैसा मिलता रहा. वहीं सैनिटाइजर 27 राज्यों तक पहुंचाया गया. इसके अलावा गेहूं के समर्थन मूल्य को भी बढ़ाया गया है. जिसके बाद अब आलू के बारे में भी सरकार व्यवस्था बना रही है. इससे किसानों को इधर उधर नहीं भागना पड़ेगा.

किसानों को दी 51 घार करोड़ की सम्मान निधि

सीएम योगी ने कहा कि , फ्लेके समय में किसान साहूकारों के चुंगल में फंसे हुए थे. लेकिन बदलते समय में किसानों के हालातों में सुधार हुआ है. 2 करोड़ 60 लाख किसानों को साढ़े तीन सालों के अंदर अंदर 51 हजार करोड़ की सम्मान निधि सरकार ने दी. वहीं 22 लाख हेक्टेयर की जमीन को सिंचाई के लिए उपलब्ध करवाया. साल 2017 की बात करें तो पहले खेती घाटे का सौदा हुआ करती थी, लेकिन अब या रिकॉर्ड है कि, इस सरकार के 6 साल बात दो लाख करोड़ से ज्यादा की राशि किसानों के गन्ना मूल्य के जरिये उनके बैंक अकाउंट में सीधा ट्रांसफर की जा रही है. पाकिस्तान से तुलना करते हुए सीमे योगी ने कहा कि, जहां वह देश अपना कर्जा नहीं चुका पा रहा है, वहीं हम डीबीटी के जरिये किसानों को पैसा दे रहे हैं.

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किसानों के हित में सरकार एक से एक योजनाओं पर काम कर हरी है. वहीं किसानों की परेशानी को देखते हुए सरकार किसानों को ऐसे यंत्र दे रही है, जिससे उन्हें पराली को आग लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. मशीन खुद ब खुद फसल को काट देगी और ढांचे की तरह उसे मिट्टी में मिला भी देगी. जिसका इस्तेमाल किसान कर रहे हैं.
अब किसान ऐप से कर सकेंगे किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की ई-केवाईसी प्रक्रिया

अब किसान ऐप से कर सकेंगे किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की ई-केवाईसी प्रक्रिया

किसानों को आय सहायता प्रदान करने के लिए संघीय सरकार के महत्वाकांक्षी और प्रसिद्ध "प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि" कार्यक्रम के तहत, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फेस ऑथेंटिकेशन के साथ पीएम-किसान मोबाइल ऐप का उद्घाटन किया।  इसकी सहायता से एक किसान घर बैठे ही बिना ओटीपी या फिंगरप्रिंट के अपना चेहरा स्कैन करके ई-केवाईसी कर सकता है, जो वर्तमान तकनीक का सबसे अच्छा उदाहरण है। एक किसान न100 अन्य किसानों को घर पर ई-केवाईसी पूरा करने में भी मदद की।  भारत सरकार ने ई-केवाईसी को आवश्यक बनाने की आवश्यकता को मान्यता देते हुए किसानों की ई-केवाईसी निष्पादित करने की क्षमता का विस्तार राज्य सरकारों के अधिकारियों तक कर दिया है, ताकि प्रत्येक अधिकारी 500 किसानों के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा कर सकें। यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना नई दिल्ली के कृषि भवन में आयोजित यह कार्यक्रम वस्तुतः देश भर के कृषि विज्ञान केंद्रों में मौजूद हजारों किसानों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारियों, विभिन्न सरकारी एजेंसियों और कृषि संगठनों के प्रतिनिधियों से जुड़ा था। 

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने क्या कहा

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि भारत सरकार की एक अत्यंत व्यापक एवं महत्वाकांक्षी योजना है। राज्य सरकारों ने इसके कार्यान्वयन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और परिणामस्वरूप, हम केवाईसी के बाद लगभग 8.5 करोड़ किसानों को योजना की किस्त का भुगतान करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा की यह प्लेटफॉर्म जितना परिष्कृत होगा, पीएम-किसान के लिए उतना ही उपयोगी होगा और जब भी किसानों को कोई लाभ देना होगा, तो केंद्र और राज्य सरकारों के पास पूरा डेटा उपलब्ध रहेगा, ताकि डेटा सत्यापन में कोई समस्या न आए। यह भी पढ़ें: अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से नहीं जुड़े हैं? फौरन करें ये काम केंद्रीय मंत्री श्री तोमर के अनुसार, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि यदि कार्यक्रम के लिए पर्याप्त वित्त है, तो हम संतृप्ति तक पहुंच गए हैं। उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्य इस दिशा में काम कर रहे हैं और एक बार यह पूरा हो जाने पर अधिक से अधिक पात्र किसान कार्यक्रम का 14वां भुगतान प्राप्त कर सकेंगे। श्री तोमर ने कहा कि इस मामले पर राज्य सरकारें कार्रवाई करें |

इस अवसर पर मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने क्या कहा 

कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कृषि क्षेत्र को टेक्नोलॉजी से फायदा हो रहा है और इस ऐप की नई सुविधा से किसानों को काफी सुविधा भी मिलेगी. केन्द्रीय कृषि सचिव श्री मनोज आहूजा ने भी अपने विचार रखे। अतिरिक्त सचिव श्री प्रमोद कुमार मेहरड़ा ने ऐप की विशेषताओं के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन विभागीय सलाहकार श्री मनोज कुमार गुप्ता ने किया। इस मौके पर राज्य सरकार के अधिकारियों ने भी योजना और ऐप के लाभ से जुड़े अपने अनुभव साझा किये. युवाओं के माध्यम से अधिक से अधिक किसानों को ऐप से जोड़ने का भी प्रयास किया जाएगा और इसमें मदद करने वाले युवाओं को निर्धारित मानदंडों के आधार पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रमाण पत्र दिया जाएगा। यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत इनोवेशन ऐपइनोवेशन चैलेंज लॉन्च किया

पीएम किसान योजना को बताया दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजना

पीएम किसान दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में से एक है जिसमें किसानों को एक साल में तीन किस्तों में आधार से जुड़े बैंक खातों के माध्यम से 6,000 रुपये सीधे हस्तांतरित किए जाते हैं। 11 करोड़ से ज्यादा किसानों के खातों में 2.42 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए, जिनमें 3 करोड़ से ज्यादा महिलाएं थीं. कोविड के समय लॉकडाउन के दौरान भी पीएम किसान योजना किसानों के लिए एक मजबूत साथी साबित हुई। इस योजना ने किसानों को सीधे वित्तीय सहायता प्रदान करके आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की हैं और उन्हें कठिन समय में आत्मविश्वास दिया है। अब डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं के प्रभावी उपयोग से पीएम किसान पोर्टल पर आधार सत्यापन और बैंक खाता विवरण अपडेशन से संबंधित कठिनाइयों का समाधान हो गया है।